Secondary Memory
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Secondary storage device को Auxiliary Storage Device भी कहते है|
इसमे जो डाटा स्टोर होता है वह स्थाई होता है अर्थात कंप्यूटर बंद होने के बाद भी इसमे स्टोर डाटा डेलीट नही होता है|
इसमे सेव फाइल और फोल्डर को खोलकर उसमे सुधार भी कर सकते है और उसे डेलीट भी कर सकते है|
इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है|
इसमे डाटा को एक्सेस करने की गति प्राइमरी मेमोरी से धीमी होती है|
इसका प्रमुख उदाहरण फ्लॉपी डिस्क , हार्ड डिस्क , क़ॉम्पैक्ट डिस्क , ऑप्टिकल डिस्क , मेमोरी कार्ड , पेन ड्राइव इत्यादि है|
हार्ड ड्राइव (Hard Drive)
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इसे हम HDD भी कहते है जिसका पूरा नाम Hard Disk Drive होता है|
यह एक फिज़िकल डिस्क होती है जिसका उपयोग हम कंप्यूटर के सभी छोटी बड़ी फाइल को स्टोर करने मे करते है|
हार्ड डिस्क और रैम मे फ़र्क ये होता है कि हार्ड डिस्क स्टोर करने के काम आती है और रैम उसमे स्टोर चीज़ो को चलाने के काम आती है|
कंप्यूटर बंद करते समय रैम मे स्टोर डाटा साफ हो जाता है लेकिन HDD मे स्टोर डाटा सेव रहता है|
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
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यह डिस्क प्लास्टिक की बनी होती है |
यह बहुत लचीली प्लास्टिक की बनी होती है इसीलिए इसे फ्लॉपी डिस्क कहते है|
इसके ऊपर प्लास्टिक के कवर को जैकेट कहते है|
मैग्नेटिक डिस्क(Magnetic Disk)
यह भी एक स्टोरेज डिवाइस है जिसमे एक पतला फीता होता है जिस पर मॅग्नेटिक इंक की कोडिंग की जाती है|
इसका उपयोग Analog और Digital डाटा को स्टोर करने मे होता है|
यह सस्ते होते है |
आज भी इसका उपयोग डाटा का backup तैयार करने मे होता है|
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